इंसानियत के महल खंडहर बने छलांग लगा डाली मंगल ग्रह तक इंसानियत के महल खंडहर बने छलांग लगा डाली मंगल ग्रह तक
यारों अपना हाल अब ऐसा हो गया अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा। यारों अपना हाल अब ऐसा हो गया अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा।
फिर भी नशा बनाये रखते हैं हम सब फिर भी नशा बनाये रखते हैं हम सब
नन्हे दामन में लेना तू समेट केहरी का यह अंतिम भेंट। नन्हे दामन में लेना तू समेट केहरी का यह अंतिम भेंट।
किसान बचे बिन भारत बचे नहीं, यह नियम है अटूट । दुर्गति इसकी कई सदी पुरानी, क्योंकि शिकार यह फूट ।। किसान बचे बिन भारत बचे नहीं, यह नियम है अटूट । दुर्गति इसकी कई सदी पुरानी, क्यों...
बेटी बोली खेल खिलौना नहीं चाहिए मुझको बस सुंदर सुंदर अच्छी दो किताबें ला दो। बेटी बोली खेल खिलौना नहीं चाहिए मुझको बस सुंदर सुंदर अच्छी दो किताबें ला दो।